श्री चरणों की धूल
एक तुम्हारे आने से ही, महक उठे हैं फूल
क्षमा करो हे नाथ हमारे, काहे देते शूल
हम मानस तुम इष्ट हमारे, हमसे होती भूल
चाहें बनना मेरे स्वामी, श्री चरणों की धूल
एक तुम्हारे आने से ही, महक उठे हैं फूल
क्षमा करो हे नाथ हमारे, काहे देते शूल
हम मानस तुम इष्ट हमारे, हमसे होती भूल
चाहें बनना मेरे स्वामी, श्री चरणों की धूल