जय श्री गणेशा
जब भी करो शुभ कार्य कोई,
प्रथम पूजना तुम श्री गणेशा को।
नव उमंग से घर आंगन भरेगा,
करोगे अराधना श्री गणेशा की।
रिद्धि सिद्धि भी घर में पधारेगी,
पुकारोगें नाम श्री गणेशा का।
दुःख संताप तुम्हारे सारे मिट जाएंगे
श्रद्धा विश्वास से श्री गणेशा को,
उनके अति प्रिय मौदक खिलाओगे।
होगा सब मंगल ही मंगल,
सेवा करोगे जो श्री गणेशा की।
सुन लेंगे वो पुकार तुम्हारी,
डूबोगे भक्ती रस में गर श्री गणेशा की।
जीवन तुम्हारा संभल जाएगा,
गर रखोगे अपने साथ श्री गणेशा को।
नैया पार वो तुम्हारी कर देंगे,
दीन दुखियों के भाग्य विधाता है श्री गणेशा।
– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार