श्री गणेशाय नमः
प्रथम पूज्य है देवता, नमन करें संसार।
हर बाधा दूर करते, भरे ज्ञान भंडार।।
जयति जयति जय हो गजानन,
शुभकर्ता दुःख हर्ता गौरी नंदन,
रिद्धि सिद्धि बुद्धि के हो दाता,
शिवपुत्र ,विश्वकर्मा के हो जमाता,
मूषक पर करते हो तुम सवारी,
अपनी माता के हो आज्ञाकारी,
शुभ और लाभ के दाता हो,
वेद पुराण के तुम ज्ञाता हो,
सुमुख एकदंत कपिल गजकर्णक,
लंबोदर विकट विघ्न नाश विनायक,
धूम्रकेतु गणाध्यक्ष भालचंद्र गजानन,
द्वादश नाम है तुम्हारे करता हूं नमन,
लाल रंग के धारण करते हो वस्त्र,
दुर्वा शमी प्रिय, परशु रस्सी है अस्त्र,
सभी गणो के कहलाते हो गणपति,
शुभ दिन बुध, हो रिद्धि सिद्धि के पति,
है! प्रभू विनती हमारी सुन लीजिए,
रोग शोक हर सबको सुखी कीजिए,