Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2024 · 1 min read

श्री कृष्ण

श्री कृष्ण (मुक्तक) गीत

मेरे कान्हा, मेरे मोहन, सदा मुरली बजाते हैं
थिरकते प्रेम की धुन में, रास ऐसा रचाते हैं।

नहीं मैं जानती कृष्णा, करूँ क्या मैं तुम्हें अर्पण ।
छिपे हैं भाव जो दिल में, लो करती हूंँ मैं समर्पण।
मैं करती हूँ प्रभु विनती, उसे स्वीकार भी कर लो,
तेरी सूरत ही अब देखूं, निहारूं जब कभी दर्पण।।
मनोहर मुख नयन काले भाव मन में जगाते है,
मेरे कान्हा, मेरे मोहन, सदा मुरली बजाते हैं ।

मैं जग की रीत क्या जानूँ, मैं कोई प्रीत ना जानूँ?
मेरे जीवन खिवइंया तुम, कन्हैया बस तुम्हें मानूँ ।
दरश दे दो मुझे कान्हा कि मेरा मन हुआ व्याकुल,
कि अंखिया भीग न जाएं, तेरी मूरत ही बस ठानूं।
ग्वाल गोपी सभी मिलकर धेनु वन में चराते है,
मेरे कान्हा, मेरे मोहन, सदा मुरली बजाते हैं ।

डगर जीवन की है मुश्किल, पार इसको लगा देना,
सारथी बन के कान्हा तुम सोई किस्मत जगा देना।
करूँ आराधना तेरी, करूँ मैं श्री चरण-वन्दन,
पधारो श्याम- सुंदर तुम, द्वंद मन के भगा देना।
धर्म का ज्ञान शुभ देकर मधुर गीता सुनाते हैं,
मेरे कान्हा, मेरे मोहन, सदा मुरली बजाते हैं ।
©वन्दना नामदेव

Language: Hindi
Tag: गीत
26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जुदा नहीं होना
जुदा नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
2832. *पूर्णिका*
2832. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राजनीति और वोट
राजनीति और वोट
Kumud Srivastava
दोस्तों अगर किसी का दर्द देखकर आपकी आत्मा तिलमिला रही है, तो
दोस्तों अगर किसी का दर्द देखकर आपकी आत्मा तिलमिला रही है, तो
Sunil Maheshwari
" रोटी "
Dr. Kishan tandon kranti
यह क्या है?
यह क्या है?
Otteri Selvakumar
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
✍️ मसला क्यूँ है ?✍️
'अशांत' शेखर
बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तन्हा रातों में इक आशियाना ढूंढती है ज़िंदगी,
तन्हा रातों में इक आशियाना ढूंढती है ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
लेखक
लेखक
Shweta Soni
किरणों की मन्नतें ‘
किरणों की मन्नतें ‘
Kshma Urmila
गुरु के पद पंकज की पनही
गुरु के पद पंकज की पनही
Sushil Pandey
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
इस मुस्कुराते चेहरे की सुर्ख रंगत पर न जा,
डी. के. निवातिया
हम पचास के पार
हम पचास के पार
Sanjay Narayan
असफलता का घोर अन्धकार,
असफलता का घोर अन्धकार,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अल्फाजों मे रूह मेरी,
अल्फाजों मे रूह मेरी,
हिमांशु Kulshrestha
D
D
*प्रणय प्रभात*
सपना
सपना
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
अंधविश्वास
अंधविश्वास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
पूर्वार्थ
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
कल तो नाम है काल का,
कल तो नाम है काल का,
sushil sarna
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
#कुछ खामियां
#कुछ खामियां
Amulyaa Ratan
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...