Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2021 · 1 min read

श्री कृष्ण

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

श्री कृष्ण कहते हैं…

-ञानयोग, भक्तियोग और कर्मयोग में गृहस्थों के लिए सिर्फ कर्मयोग ही सर्वोत्तम है, उसे कर्मयोग पर ही ध्यान देना होता है।

-हर जन्म में शरीर बदलता रहता है। इसलिए अपने शरीर से नहीं आत्मा से प्यार करें।

-सुख-दुख, लाभ-हानि और मान-अपमान में जो सामान रहता है। वही व्यक्ति बुद्धिमान और सच्चा योगी माना गया है।

-अच्छे और बुरे कर्म का फल निश्चित मिलता है। परन्तु यह कब मिलेगा, यह प्रकृति या ईश्वर पर निर्भर करता है।

-मनुष्य का मन बहुत चंचल होता है तथा अनेक प्रकार के पापों का कारण है। इसलिए मन को वश में करके भक्ति और सद्विचारों को संलग्न करना चाहिए।

-सब जीवों को अपने समान समझना और जीवो के प्रति दया का भाव रखने वाले मनुष्य को श्रेष्ठ योगी माना गया हैं।

-इंसान को मन पर नियंत्रण करना बहुत आवश्यक है, जिसने मन नियंत्रित नहीं है, उसके लिए मन ही उसका शत्रु होता है।

-इन सांसारिक वस्तुओं से मोह बेकार है। क्योंकि इस जन्म में यह तुम्हारी और अगले जन्म में किसी और की होगी। इसलिए वस्तुओं से मोह माया नहीं रखना चाहिए।

-जो इंसान अनन्य भाव और भक्ति से केवल मेरा (भगवान) चिंतन करता है और मेरी उपासना करते हैं। उनके सारे कष्टों को मैं स्वयं वहन करता हूँ।

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?

“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
" यकीन "
Dr. Kishan tandon kranti
चला मुरारी हीरो बनने ....
चला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
Neelam Sharma
स्वयं पर विश्वास
स्वयं पर विश्वास
Dr fauzia Naseem shad
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
Kailash singh
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
शेखर सिंह
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
फिसलती रही रेत सी यह जवानी
मधुसूदन गौतम
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
रस्ता मिला न मंज़िल रहबर की रहबरी में
रस्ता मिला न मंज़िल रहबर की रहबरी में
Khalid Nadeem Budauni
"रिश्तों में खटास पड रही है ll
पूर्वार्थ
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
डॉक्टर रागिनी
*पचपन का तन बचपन का मन, कैसे उमर बताएँ【हिंदी गजल 】*
*पचपन का तन बचपन का मन, कैसे उमर बताएँ【हिंदी गजल 】*
Ravi Prakash
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🙅याद रखा जाए🙅
🙅याद रखा जाए🙅
*प्रणय*
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
4576.*पूर्णिका*
4576.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पंचांग (कैलेंडर)
पंचांग (कैलेंडर)
Dr. Vaishali Verma
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
DrLakshman Jha Parimal
*भारत*
*भारत*
सुनीलानंद महंत
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
जिन्दगी का संघर्ष
जिन्दगी का संघर्ष
Pramod kumar
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr .Shweta sood 'Madhu'
गुनाह मेरा था ही कहाँ
गुनाह मेरा था ही कहाँ
Chaahat
दोस्ती के नाम.....
दोस्ती के नाम.....
Naushaba Suriya
Loading...