श्री कृष्ण जन्माष्टमी
आठें तिथि भादौ भई ,दिखी घटा घनघोर
मथुरा जी की कैद में, आज ही नन्द किशोर
अचेत हैं पहरे सभी, बरखा भी पुर जोर
माखन मिसरी प्रेम से, लेते भाव विभोर
बरसाने की राधिका , कृष्ण कन्हाई संग
वृंदावन की कुंज में, सजे बाँसुरी रंग
नीली यमुना तीर हो, या कदंब की छाँव
युग की ये गाथा बनी,नई नन्द के गाँव
राधा की रस माधुरी , या मीरा का जोग
अर्जुन की गीता सजी, कृष्ण मुरारी योग