श्रीराम का नारा लगाओगे
पहले जय श्री राम बोलिए
फिर मेरी बात सुनिए।
आप सबको पता ही है कि राम जी
अब अपने सिंहासन पर विराजमान हो गये हैं।
चीखने चिल्लाने वाले हाथ मलने के साथ
अब बहुत पछता रहे हैं,
अपने कर्म धर्म को सुधारने के एक मौका
बिना किसी हींग फिटकरी के जो मिला था,
जिसे उन्होंने अंगूर खट्टे हैं के चक्कर में
घमंड के चलते गंवा दिया है।
अब बड़ा सवाल है कि वे सब क्या करेंगे?
किसको कोसेंंगे, कैसे आरोप लगायेंगे?
कैसे राम मंदिर की तारीख पूछेंगे?
अब किस राम को काल्पनिक कहेंगे?
कौन सी और किसकी रथयात्रा रोकेंगे?
कारसेवकों पर गोलियां चलवाकर
अब कैसे अपनी पीठ थपथपा पाएंगे।
अब कैसे धर्म के नाम पर
भाई भाई को आपस में लड़ाएंगे?
वोट की राजनीति के स्वार्थी नेता
अब आखिर कौन सा नया बेहूदा राग गायेंगे?
गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले
झूठ पर कैसे रेशमी पर्दा लगाएंगे?
क्या कैकेयी बन कोप भवन जाएंगे?
राम जी को फिर से वनवास पठाएंगे?
यदि रामजी वन चले भी जाएं
तो बड़ा प्रश्न यह है कि
ज्ञानी रावण और उसकी लंका कहां से लाएंगे?
छुपाकर छूरियां आखिर कब तक चलाएंगे?
राम जी का विरोध करते रहने भर से
क्या दुनिया में अमर होकर धरा पर
अपने स्वार्थी अभियान को यूं ही आगे बढ़ा पायेंगे?
और राम को नकारते हुए आगे बढ़ते रह पायेंगे?
राम मंदिर निर्माण और राम के विरोधियों
क्या तुम राम बनने की होड़ में सफल हो जाओगे?
राम जी के ताप को सहकर बच जाओगे
हे कलयुग के रावणों! क्या अपनी लंका बचा पाओगे?
और राम जी के सामने खड़ा होने तक की
हिम्मत तुम सब जुटा पाओगे?
या फिर राम की शरण में अपने अपराधों की
क्षमा याचना के लिए तुम सब
अकेले अथवा झुंड में आओगे?
और अपने अपराधों से मुक्त हो मोक्ष के लिए
कल से राम मंदिर की चौखट पर गिड़ गिड़ाओगे।
आज नहीं तो कल तुम सब अपने जीवन में
बहुत बहुत बहुत पछताओगे
और जय श्री राम का नारा सोते जागते लगाओगे।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश