Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2019 · 1 min read

श्रीभगवान बव्वा के दोहे

“श्रीभगवान बव्वा के दोहे”

वाणी में ही रह गई, फीकी एक मिठास ।
पर दिलों में बसी हुई, नफ़रत वाली फांस ।1।

ऐंठ मनों में रह रही, बंद दिलों के द्वार ।
गलियों में हैं घूमता, प्यार बेरोजगार ।2।

नहीं बोलते प्यार से, सब ही मारें तीर ।‌
मरहम मिलती है नहीं, बढ़ती जाएं पीर ।3।

जिसको अपना मानते, करते हैं विश्वास ।
छ्लनी उसने ही किया,कोना दिल का खास ।4।

खौंफ दिलों में है बसा, सच को मिलती आंच ।
अच्छाई है छुप रही, देख बुरों का नाच ।5।

भला सभी का सोचते, धरते सबका ध्यान ।
पागल उनको बोलते, अब सारे इन्सान ।6।

चैन लूटते फिर रहे, धुआं, धूल, शैतान ।
प्रदूषण से रहे नहीं, सुरक्षित यहां मकान ।7।

ढ़ोल बजाकर कह रहे, मानों हम शैतान ।
बहु को लेने आ गए, करके मदीरा-पान ।8।

सुखी झील तो उड़ गए, पंछी सब नादान ।‌
जब बरसेगा रामजी, यहीं उगेगा धान ।9।

बड़ा जरूरी है हुआ, बदले अब यह दौर ।‌
नेक हुए बेहाल हैं, ऐश कर रहे चोर ।10।

Language: Hindi
1 Like · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#देसी_ग़ज़ल / #नइयां
#देसी_ग़ज़ल / #नइयां
*Author प्रणय प्रभात*
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सच्ची जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
विनती
विनती
Kanchan Khanna
नैनों के अभिसार ने,
नैनों के अभिसार ने,
sushil sarna
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी
Mukesh Kumar Sonkar
*निकला है चाँद द्वार मेरे*
*निकला है चाँद द्वार मेरे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
*शिवाजी का आह्वान*
*शिवाजी का आह्वान*
कवि अनिल कुमार पँचोली
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
🌷ज़िंदगी के रंग🌷
🌷ज़िंदगी के रंग🌷
पंकज कुमार कर्ण
छोटे गाँव का लड़का था मैं
छोटे गाँव का लड़का था मैं
The_dk_poetry
* जगेगा नहीं *
* जगेगा नहीं *
surenderpal vaidya
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
*आओ-आओ योग करें सब (बाल कविता)*
*आओ-आओ योग करें सब (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मातृ दिवस पर विशेष
मातृ दिवस पर विशेष
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुस्कान है
मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
Loading...