श्राद्ध
श्राद्ध तिथि को कराओ जब ब्रह्म भोज
पितर आकर ग्रहण करते है यह भोज
होते पितर खुश घर में आती खुशहाली
भरा पूरा परिवार रहे होती न बदहाली
कल्याणकारी सुकर्म करे जो वंशवृद्धि
पितर उपासना के मूल में ही रहे सृष्टि
दक्षिण दिशा दीप जलाओ पितर नाम
पन्द्रह दिन करो सेवा पूरे हो सारे काम
नियमों साथ श्राद्ध तो मिलता है फल
पाओ आशीष उनका सुनहरा हो कल