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28 Sep 2019 · 1 min read

श्राद्ध और श्रद्धा

श्राद्ध है
श्रद्धा
करों मन से
है नहीं कोई
जबर्दस्ती
अपने कर्म
अपने साथ हैं
अच्छा बुरा
यहीं रह जाता है
नाम अच्छा बुरा
रह जाता है

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
1 Like · 358 Views
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