श्रम कम होने न देना _
श्रम कम होने न देना _
यही कर्म यही तो पूंजी है।
ले जाता यह सदा ही आगे_
सफलता की यही तो कुंजी है।।
लगन शील बन _ श्रम साधना करले रै।
इससे बड़ी कहां पूंजी _ दूजी है।।
राजेश व्यास “अनुनय”
श्रम कम होने न देना _
यही कर्म यही तो पूंजी है।
ले जाता यह सदा ही आगे_
सफलता की यही तो कुंजी है।।
लगन शील बन _ श्रम साधना करले रै।
इससे बड़ी कहां पूंजी _ दूजी है।।
राजेश व्यास “अनुनय”