Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2024 · 1 min read

श्रध्दा हो तुम …

आँखें मुँद कर खुद को ,
समर्पित करू वो विश्वास हो तुम ,
अंतरंग की गहराईयो को छुके ,
अनगिनत एहसासों के बादल ,
मोरपंख की तरह रूह छुँ जाये वो
वो श्रद्धा हो तुम …

Language: Hindi
43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
Shivkumar barman
उनके आने से ही बहार आए
उनके आने से ही बहार आए
Dr fauzia Naseem shad
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
Rita Singh
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
जिसे रिश्तों की परवाह नहीं वो,,
पूर्वार्थ
बेरहमी
बेरहमी
Dr. Kishan tandon kranti
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दोहा बिषय- महान
दोहा बिषय- महान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दीया और बाती
दीया और बाती
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भरोसा खुद पर
भरोसा खुद पर
Mukesh Kumar Sonkar
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक - चाय
शीर्षक - चाय
Neeraj Agarwal
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
Bidyadhar Mantry
"चुभती सत्ता "
DrLakshman Jha Parimal
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
..
..
*प्रणय*
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
Ashwini sharma
*दूर चली जाओगी जीजी, फिर जाने कब आओगी (गीत)*
*दूर चली जाओगी जीजी, फिर जाने कब आओगी (गीत)*
Ravi Prakash
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
Dr.Pratibha Prakash
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
Shashi kala vyas
मैं कौन हूँ कैसा हूँ तहकीकात ना कर
मैं कौन हूँ कैसा हूँ तहकीकात ना कर
VINOD CHAUHAN
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
सलाम मत करना।
सलाम मत करना।
Suraj Mehra
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल)
रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल)
Vinit kumar
Loading...