Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Sep 2024 · 1 min read

*श्रद्धेय रामप्रकाश जी की जीवनी मार्गदर्शन है (प्रसिद्ध कवि

श्रद्धेय रामप्रकाश जी की जीवनी मार्गदर्शन है (प्रसिद्ध कवि भारत भूषण)
➖➖➖➖➖➖➖➖
पुस्तक का नाम: निष्काम कर्म (परम पूजनीय श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी)
लेखक: रवि प्रकाश
प्रकाशन वर्ष: अक्टूबर 2008
समीक्षक: श्री भारत भूषण (प्रसिद्ध कवि मेरठ)
———————————–
दिनांक 23-10-08
प्रिय श्री रवि प्रकाश जी
दो दिन पहले ‘निष्काम कर्म’ पुस्तक प्राप्त हुई और मैं लगभग पूरी पढ़ चुका हूं। पहले ‘कठोपनिषद’ भी पढ़ी थी। आप अब समर्थ लेखक और कवि बन गए हैं। यह साधना अनवरत चलती रहे।
श्रद्धेय रामप्रकाश जी की जीवनी व्यक्ति के लिए मार्गदर्शन ही है। आपने बहुत अच्छी तरह प्रस्तुत की है। मेरी बधाई स्वीकारें । श्री महेंद्र जी को सप्रेम नमस्ते कहें।
सप्रेम
भारत भूषण

65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
4620.*पूर्णिका*
4620.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
DrLakshman Jha Parimal
उलझ गई है दुनियां सारी
उलझ गई है दुनियां सारी
Sonam Puneet Dubey
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
जब छा जाए गर तूफ़ान
जब छा जाए गर तूफ़ान
Meera Thakur
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
ज़माने की नजर में बहुत
ज़माने की नजर में बहुत
शिव प्रताप लोधी
आज के ज़माने में असली हमदर्द वो, जो A का हाल A के बजाए B और C
आज के ज़माने में असली हमदर्द वो, जो A का हाल A के बजाए B और C
*प्रणय*
*श्रद्धेय रामप्रकाश जी की जीवनी मार्गदर्शन है (प्रसिद्ध कवि
*श्रद्धेय रामप्रकाश जी की जीवनी मार्गदर्शन है (प्रसिद्ध कवि
Ravi Prakash
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
शहीद की अंतिम यात्रा
शहीद की अंतिम यात्रा
Nishant Kumar Mishra
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
उस बाग का फूल ज़रूर बन जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
सुकर्मों से मिलती है
सुकर्मों से मिलती है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कमाण्डो
कमाण्डो
Dr. Kishan tandon kranti
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
singh kunwar sarvendra vikram
हम मुकद्दर से
हम मुकद्दर से
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ता गहरा आज का,
रिश्ता गहरा आज का,
sushil sarna
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
"समय बहुत बलवान होता है"
Ajit Kumar "Karn"
Loading...