श्रद्धेय अटल जी को नमन
इरादों पर अटल रहे
हार हर्गिज नहीं मानी
असंभव को संभव
करने की रार जो ठानी
काल के कपाल पर
अमिट लेख लिख गये
मेरे देश को कमतर
समझने वालों को
पिलाया ऐसा पानी
वो जीत का जश्नदेख
हो गये पानी पानी
आप अटल थे
अटल ही रहे
लिख गये आकाश पर
भारत के शौर्य की कहानी
श्रद्धा पूरित नम नयन के साथ नमन
अपर्णा थपलियाल”रानू”