-श्रद्धा और सबूरी
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस संसार में अगर आपको सर्वप्रथम कुछ त्यागना पड़े तो वो त्यागना दूसरों से उम्मीद रखना…,जब रिश्तों में अविश्वास- जिद आ जाये -बड़े छोटों का लिहाज खत्म हो जाये तो रिश्ते मात्र एक औपचारिकता बन कर रह जाते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिस प्रकार चाय के साथ बिस्कुट -ब्रेड टूट कर बिखर जाते हैं उसी प्रकार हमें अपनी जिंदगी में कभी भी किसी भी मोड़ पर किसी भी रिश्ते में इस कदर नहीं डूबना चाहिए की हमारा हाल उस बिस्कुट -ब्रेड की तरह हो जाये …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब बात आपकी अच्छाइयों की आती है तो अमूमन कुछेक लोग ही कर पाते हैं लेकिन हालातों के आपके विपरीत होते ही जुबान वाले -यहाँ तक की बेजुबान भी और वो छोटे बड़े जो पहले एक शब्द बोलने से पहले भी दस बार सोचते थे वो अब ऐसे शब्दों -वाक्यों के बाणों की बारिश करते हैं की वो शब्द आपको अंदर तक भेद जाते हैं …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जिनके जवाब केवल और केवल वक़्त दे सकता है -जिन राम का राजतिलक होना था उन्हें वनवास -जनक दुलारी सीता के सारे सुखों का त्याग -पांडवों का वृतांत -हर प्रश्न का एक ही जवाब -श्रद्धा और सबूरी …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!?सुप्रभात?
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
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