श्रद्धांजलि
पिता की देहांत पर पुत्र रोया
इसलिए नहीं कि पिता खोया।
वो पिता,पिता से ज्यादा नोटों का जरिया था
अपने पिता के प्रति पुत्र का ये आधुनिक नजरिया था।
पुत्र को दुःख पिता का नहीं,पैसे जाने का हुआ
साया उठा पिता का ये नहीं सोचा
दुःख न अब धन आने का हुआ।
पुत्र ने श्रद्धांजलि का नाटक किया
पिता का कमरा किराए पर देकर
उसका बन्द फाटक किया!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक