श्रद्धांजलि
श्री लाल बहादुर शास्त्री—
गांधी के सच्चे अनुयायी, थे करुणा के सागर,
रहे सत्य के सदा प्रवर्तक, सबके प्रति था आदर l
गूँज रहा है “जय जवान का,जय किसान का नारा”
भारत के प्रधान मंत्री थे, ऐसे लाल बहादुर l
सत्य,अहिंसा, क्षमा,दया से, भरे हुये थे गागर,
सादा जीवन, उच्च विचारों की ओढ़ी थी चादर l
देश बड़ा है,इसी सोच में, दी प्राणों की आहुति,
थे प्रधान मंत्री पर समझा स्वयं देश का चाकर l
ये बुझी हुई शमा पुन: जल सकती है,
तूफान में घिरी किश्ती संभल सकती है l
मायूस न होना, जिन्दगी में कभी तुम,
ये किस्मत है, कभी भी बदल सकती है l
वक्त पर ही तुम अपनी बुरी आदत बदल लो,
नहीं तो बदल जायेगा तुम्हारा वक्त भी l
अपनापन हर कोई दिखाता, विरला ही बस साथ निभाता,
पर अपना है कौन यहाँ पर, इसको तो बस वक्त सिखाता |
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