श्रद्घांजलि
सूरत में एक शिक्षण संस्थान में अपने प्राणोत्सर्ग हुए युवा विद्यार्थियों को मेरी श्रद्घांजलि स्वरूप स्वरचित कविता समर्पित
श्रद्धाजंलि
सूरत में अपने प्राणों को,
जिन बच्चों ने खोया है।
उनके लिए गुजरात ही नहीं
सारा भारत रोया है ।।1।।
प्राण गवाएं बच्चों ने पढ़,
जिस अध्ययन की शाला में।
वीरगति को प्राप्त हो गए,
भीषण तपती ज्वाला में ।।2।।
उनकी कमी को पूरा कर पाना,
अब न किसी के बस में है।
साहस और शौर्य की धारा,
बच्चों की नस नस में है ।।3।।
उस पिता को देना सहस,
और धीरज देना माता को।
ऐ हवा तू जाकर पहुंचा देना,
मेरा सन्देश विधाता को ।।4।।
संतान बिना तो सब है सुना,
है नहीं कोई धनवान।
दुख तो दुख होता जीवन में,
इसकी नहीं कोई पहचान ।।5।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार