श्रंगार
लाख समुद्र मिल जाए पर दिल की प्यास बाकी है।
आसमान की उंचाई मिल जाए पर दिल की उड़ान बाकी है
दायरों में नहीं सिमट सकती है मौहब्बत की चाहत।
जब तक मीत से मिलन न हो हर अरमान बाकी है।
विपिन
लाख समुद्र मिल जाए पर दिल की प्यास बाकी है।
आसमान की उंचाई मिल जाए पर दिल की उड़ान बाकी है
दायरों में नहीं सिमट सकती है मौहब्बत की चाहत।
जब तक मीत से मिलन न हो हर अरमान बाकी है।
विपिन