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3 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

कोमल पंखुड़ियों के रोमांचित स्पर्श सी मृदु हो तुम।
हृदय कमल पर विराजित प्रेम की देवी हो तुम।
श्वांस में प्रवाहित रात की रानी सी महक हो तुम।
स्वप्नों में भी राज करती मनमोहक प्रेयसी हो तुम।
विपिन

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