श्याम
श्याम (अमृतध्वनि छंद )
श्याम सलोना कृष्ण जी,मोर मुकुट है शिश।
मुरलीधर मोहक सहज,बने विश्व के ईश।।
बने विश्व के ईश,प्रेम के, सदा दिवाने।
अति मतवाले,भोलेभाले,मधुर तराने।।
राधा रानी,उर्मिल ध्यानी,प्रेम धाम की।
उनकी नजरें,सदा कृष्ण में,सिर्फ श्याम की।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।