Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

श्याम

श्याम (अमृतध्वनि छंद )

श्याम सलोना कृष्ण जी,मोर मुकुट है शिश।
मुरलीधर मोहक सहज,बने विश्व के ईश।।
बने विश्व के ईश,प्रेम के, सदा दिवाने।
अति मतवाले,भोलेभाले,मधुर तराने।।
राधा रानी,उर्मिल ध्यानी,प्रेम धाम की।
उनकी नजरें,सदा कृष्ण में,सिर्फ श्याम की।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*मुहब्बत के मोती*
*मुहब्बत के मोती*
आर.एस. 'प्रीतम'
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
घर की गृहलक्ष्मी जो गृहणी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
मोहता है सबका मन
मोहता है सबका मन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कर्जमाफी
कर्जमाफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रीत प्रेम की
प्रीत प्रेम की
Monika Yadav (Rachina)
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
पल
पल
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
2705.*पूर्णिका*
2705.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
Acharya Rama Nand Mandal
अस्ताचलगामी सूर्य
अस्ताचलगामी सूर्य
Mohan Pandey
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Outsmart Anxiety
Outsmart Anxiety
पूर्वार्थ
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
"तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
Aman Kumar Holy
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
*जनवरी में साल आया है (मुक्तक)*
*जनवरी में साल आया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ आज का शेर अपने यक़ीन के नाम।
■ आज का शेर अपने यक़ीन के नाम।
*प्रणय प्रभात*
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
न जाने शोख हवाओं ने कैसी
Anil Mishra Prahari
पंछी
पंछी
Saraswati Bajpai
"सुपारी"
Dr. Kishan tandon kranti
"महफिल में रौनक की कमी सी है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
gurudeenverma198
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक
राजर्षि अरुण की नई प्रकाशित पुस्तक "धूप के उजाले में" पर एक नजर
Paras Nath Jha
Loading...