श्याम हमारा हाथ थाम कर भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम हमारा हाथ थाम कर
अपनों ने मुख मोड़ लिया है, नहीं कोई आज हमारा
श्याम हमारा हाथ थाम कर, दे दो हमें सहारा ।।
जीवन भर मेहनत करके मैंने, धन भी बहुत कमाया
पाई-पाई को जोड़ के मैनें, खून पसीना बहाया
अपनों ने है लूट के खाया, सूना जग लगे ये सारा
श्याम हमारा हाथ थाम कर, दे दो हमें सहारा ।।
अपनों की खातिर मैनें , यहाँ महल अटारी बनाई
उनको सुख – वैभव देकर, खुद सूखी रोटी खाई
उसी लाल ने घर से निकाला, जो था सबसे प्यारा
श्याम हमारा हाथ थाम कर, दे दो हमें सहारा ।।
अब खुली है मेरी आँखे मैनें, छोड़ दी सब मोह माया
जब दुनिया ने ठुकराया, तब बाबा दर तेरे आधा
अरदास में मेरी सुन लो, बाबा जीवन से हूँ हारा
श्याम हमारा हाथ थाम कर, दे दो हमें सहारा ।।
© अरविन्द भारद्वाज