श्याम – सलोना
श्याम सलोना
मेरा भी तू होना।
तेरे बिन मन का हर कोना सूना।
अप्रीतम मेरे
बस तू ही तू रहे मेरे नित सुबह -शाम में,
श्याम सलोना
मेरा भी तू होना।
जीवन है एक दिन खोना
श्याम सलोना
बस तेरा ही रहे ठिकाना।
श्याम सलोना
मेरा भी तू होना।
-डॉ.सीमा कुमारी , ये स्वरचित रचना मेरी 14-12-024की है जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।