श्याम रंग मन को हरे,
श्याम रंग मन को हरे ,उस पर मधु मुस्कान ।
नयन चतुर रस से भरे,अभिनव सी पहचान।।
श्याम सलोने बाँकुरे, पाकर मन की थाह।
सहज -सहज रस में घुले,खोते हिय की आन।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
श्याम रंग मन को हरे ,उस पर मधु मुस्कान ।
नयन चतुर रस से भरे,अभिनव सी पहचान।।
श्याम सलोने बाँकुरे, पाकर मन की थाह।
सहज -सहज रस में घुले,खोते हिय की आन।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम