श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/0c49ef43e436dca66f77149b7e7fd6ee_eeb3785dd99a8944131649202dab95a4_600.jpg)
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
दूर तै चाल कै बाबा आई
साथ घर आल्या नै भी ल्याई
सारे काम मैं छोड़ कै बाबा
दर्शन तेरे करने आई
बाँध पैरा मैं पायल बाबा, दर पै चालूंगी
बोल्नीया नै तू बोलन दें, छमाछम यूँ ही हालूँगी।
शीश का दानी तू कहलाया
श्याम का नाम तनै सै पाया
भीतरले मन तू भाया
बाबा श्याम तेरा सै साया
भंडारे मैं बाबा तेरे, लाडू घालूगी
बोल्नीया नै तू बोलन दें, छमाछम यूँ ही हालूँगी।
तेरा दर लाग्य सबतै प्यारा
सिमटगया तुझ मैं जग यो सारा
बाबा हारे का तू सहारा
मेंट दे दुख यो सारा म्हारा
दान अपना मर्जी तै पेटी मैं इब डालूंगी
बोल्नीया नै तू बोलन दें, छमाछम यूँ ही हालूँगी।
(C) अरविंद भारद्वाज