श्याम पर्दा लगा दो करेंगे बतियॉ
श्याम पर्दा लगा, दो करेंगे बतियॉ,
आई बरसाने से, गोपी करन रसिया l
आते हो कन्हा, जब वदंवन में,
बांसुरी की धुन, उठे मेरे मन में l
दौड़ी दौड़ी आई, मैं तेरे चरनन में,
साथ लाई मटकी, भर के माखन में l
छोड़ो ये बंसी, अब खाओ मेरा माखन,
रास करूंगी, फिर बसके तेरी आंखन l
माखन ना मैं तेरा खाता,
रास अकेले ना मुझको भाता l
जब राधा आएगी, संग लेकर सखियां,
रास रचावे, सब मिलकर रसिया l
बंसी की धुन में, नाचे गोपी अर गैया,
गोकुल में ढूंढेंगी, यशोदा मैया l
जाओ “संतोषी”, बरसाने जाओ.
लेकर संग. राधा को आओ l
बंसी धुन, वृन्दावन में गूंजी,
राधा के संग, गोपी सब झूमी ll