श्याम घनाक्षरी-2
श्याम घनाक्षरी
झूम झूम नाचे नाचे, मेघ सम बरखा सी
काली-काली कजराली, अलकाएं बावरी
राधा सी ठिठोली करे, हंसे मुस्कराए सम
ग्राम-ग्राम नाचे फिरे, छेड़े तान बांसुरी
धक-धक दिल करे, धक-धक दिल कहे
बदनाम बादल है, मूरत ये साँवरी
चूर चूर करे चूर, लट लट घनश्याम
कहता उद्धव रहा, पानी संग आग री।।
सूर्यकांत