शोहरत पा के झुक जाना ये पाटी याद रखती हूं
नर्म मिजाज़ ,नीची आवाज़, ऊंचे अख्लाख रखती हूं
शोहरत पा के झुक जाना वो पाटी याद रखती हूं
सिकंदर जीतकर दुनियां भी खाली हाथ लोटा था
बस प्रेम ही साथ जाना है ये पाठ याद रखती हूं
प्रज्ञा गोयल ©®
नर्म मिजाज़ ,नीची आवाज़, ऊंचे अख्लाख रखती हूं
शोहरत पा के झुक जाना वो पाटी याद रखती हूं
सिकंदर जीतकर दुनियां भी खाली हाथ लोटा था
बस प्रेम ही साथ जाना है ये पाठ याद रखती हूं
प्रज्ञा गोयल ©®