शोहरत पानें में।
बहुत कुछ खोना पड़ता है शोहरत पाने में।
ऐसे ही जिंदगी मुकाम ना पाती है जमाने में।।
इक वक्त था सबने ही उसको नकारा था।
बड़ी मुश्किले झेली है उसने नाम कमाने में।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
बहुत कुछ खोना पड़ता है शोहरत पाने में।
ऐसे ही जिंदगी मुकाम ना पाती है जमाने में।।
इक वक्त था सबने ही उसको नकारा था।
बड़ी मुश्किले झेली है उसने नाम कमाने में।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍