शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
नीर नयना स्वत: ही बहाने लगे ।
दृश्य जब-जब प्रणय के हुए प्राणमय,
गीत में फिर तुम्हें गुनगुनाने लगे ।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी
उन्नाव उ० प्र०
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
नीर नयना स्वत: ही बहाने लगे ।
दृश्य जब-जब प्रणय के हुए प्राणमय,
गीत में फिर तुम्हें गुनगुनाने लगे ।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी
उन्नाव उ० प्र०