शोख़ दोहे :
शोख़ दोहे :
कातिल हसीन शोखियाँ, मयखाने सा नूर ।
दिल बहके तो जानिए, सब आपका कुसूर ।।
साँसें दे हर साँस को, साँसों का उपहार ।
साँसों को अच्छा लगे, ये साँसों का प्यार ।।
पागल दिल की हसरतें, पागल दिल के ख़्वाब ।
पागल दिल को कर गए , ख़्वाबों के सैलाब ।।
बड़े तीव्र हैं प्यास के, अधरों पर अंगार ।
नैनों से नैना करें, मधुर मिलन मनुहार ।।
बेहिज़ाब अगड़ाइयाँ, गज़ब नशीला नूर ।
देख बहकना नूर को, दिल का है दस्तूर ।।
सुशील सरना /