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6 Mar 2018 · 1 min read

शोक गीत

मै चिल्लाई बहुत चिल्लाई
या खुदा जो नजरों मे मेरी फ़वता नहीं
नजरों से मेरी उसे काफूर कर
मुझे हुस्नो तकदीर से नवाज़ा ही है
तो बस अपनी ही अना मे महफूज़ कर
अय्यार जितने भी है मेरे इर्द गिर्द
या तो उनको हटा दे मेरे दायरे से
या मुझको उनकी महफिल से दूर कर
दरीचों से झांककर जब ख्बाव मे देखा कभी
खामोश अंधेरों मे भी उनकी ही शक्ल अब आती नज़र
मेरे नामाकूल हमदर्द रहे मेरे पास सदा
मुझे कयामत के आने तक महफूज़ कर
सुकूं मेरा है वो आंसू ,जो छलके आंख से उसकी
जो महफिल मे छिपाकर दर्द मुस्कुराने की अदा जाने
न आया तरस दुनिया को ,न मेरी दुआये कूबूली गयी
न खुदा ने इल्तिजा मानी न रब़ मेरी दुआ माने…

प्रियंका मिश्रा_प्रिया

Language: Hindi
Tag: गीत
382 Views
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