शैर
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1. चलैत अछि हमरा देख क, सुरत बदैल-बदैल क ।
हमरा सँ जे सिखलक, चलनांय सम्हैर-सम्हैर क ।।
2. काँच कली सँ अहाँ के सेबलौंह, आई फूल बनि इतराई छी ।
मोन देलौंह अहाँ दोसर के, प्रदीप के कियेक ठकैत छी ।।
3. चान सनक सुरत पर गोरी पहिले मोरलौंह हम ।
छोड़ि देलौंह मझधार में नैया, द क गेलौंह गम ।।
4. एक ताल पर गोरी नाचय, दु ताल पर हम ।
ठुमुक-ठुमुक क प्रियतम चलय, पैजब छमाछम ।।
5. सपन देखल, राधा नाचय आंगन, पहिर प्रीत रंग साड़ी ।
हँस बनल अछि जोगी जग में, हँसनी रहल कुमारी ।।