तुम्हारा ज़वाब सुनने में कितना भी वक्त लगे,
*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
एक पल को न सुकून है दिल को।
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
सत्य की खोज........एक संन्यासी
तेरे कहने पे ही तुझसे किनारा कर लिया मैंने
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
माँ की करते हम भक्ति, माँ कि शक्ति अपार