Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2023 · 1 min read

शे’र/ MUSAFIR BAITHA

व्यर्थ की धारणा है दुआ नाम की कसरत
अक्ल मारी गई जिसकी वही पड़ा इस फेरे में

Language: Hindi
Tag: शेर
80 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नया साल
नया साल
Dr fauzia Naseem shad
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
यदि हम आध्यात्मिक जीवन की ओर सफ़र कर रहे हैं, फिर हमें परिवर
Ravikesh Jha
3254.*पूर्णिका*
3254.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
अर्चना मुकेश मेहता
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*आम आदमी क्या कर लेगा, जब चाहे दुत्कारो (मुक्तक)*
*आम आदमी क्या कर लेगा, जब चाहे दुत्कारो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
Sonam Puneet Dubey
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
sushil sarna
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
संगत का प्रभाव
संगत का प्रभाव
manorath maharaj
रहिमन ओछे नरम से, बैर भलो न प्रीत।
रहिमन ओछे नरम से, बैर भलो न प्रीत।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
आध्यात्मिक शक्ति व नैतिक मूल्यों से ध्यान से मानसिक शांति मि
Shashi kala vyas
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
मैं हूं न ....@
मैं हूं न ....@
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
*दादी की बहादुरी(कहानी)*
*दादी की बहादुरी(कहानी)*
Dushyant Kumar
Weekend
Weekend
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
Neelofar Khan
रण चंडी
रण चंडी
Dr.Priya Soni Khare
मजदूर
मजदूर
Dinesh Kumar Gangwar
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
Loading...