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18 Jan 2017 · 1 min read

शेर

मन में उम्मीद जगी थी उनकी हंसी पर
हमें क्या मालूम वह हंस रहे थे हम पर

********
दर्द पर मक्कारी से आंसू बहाने वालों
पलकें तक न भीगी,दिल क्या पसीजेगा

*********
आग लगी सीने में, आंसुओं से बुझ जाने दो
जख़्म जितने मिले,कहूं किस से,जाने भी दो

सजन

Language: Hindi
Tag: शेर
288 Views

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