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8 Jul 2018 · 1 min read

शे’र

शबे-ग़म जब कहीं कोई उजाला हो नहीं पाया ।
दिया बनकर जला तब साथ मेरे हौसला मेरा।।

(अनिल कुमार राही)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 320 Views
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