शेर
कोयलों को जब जब, चुप रहने का फरमान मिला है ,
कव्वो की काव-काव को,मधुरता का सम्मान मिला है ।
सतयुग हो या कलयुग हो, यह सच्चाई अटल रही है,
शंकर,जिसने होना चाहा,उसको ही विषपान मिला है।
कोयलों को जब जब, चुप रहने का फरमान मिला है ,
कव्वो की काव-काव को,मधुरता का सम्मान मिला है ।
सतयुग हो या कलयुग हो, यह सच्चाई अटल रही है,
शंकर,जिसने होना चाहा,उसको ही विषपान मिला है।