शेर
बाँसुरी तेरे होंठो से लग कर…सुर जो प्यार का निकाला हैं,
तेरे हाथों ने जब छुआ बाँसुरी को…प्यार का धुन बजाया हैं,,
कवि बेदर्दी
बाँसुरी तेरे होंठो से लग कर…सुर जो प्यार का निकाला हैं,
तेरे हाथों ने जब छुआ बाँसुरी को…प्यार का धुन बजाया हैं,,
कवि बेदर्दी