!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
"डोजर" के चेप्टर पर तो "क्लोजर" लगा दिया हुजूर!अब "गुल" खिला
पुण्यतिथि विशेष :/ विवेकानंद
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कभी खामोशियां.. कभी मायूसिया..
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।