मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
Lambi khamoshiyo ke bad ,
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
रिश्ता दिल से होना चाहिए,
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
సూర్య మాస రూపాలు
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
ज़िंदगी अतीत के पन्नों में गुजरती कहानी है,
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
" पीती गरल रही है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया