*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
मचला है मासूमियत पारा हो जाए.....
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
विश्व के हर मनुष्य के लिए करुणा होनी चाहिए
वक्त-ए -रुख़सत इन्हें चश्म से निकाला है ,
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
International Self Care Day
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
होटल के कमरे से नैनीताल की झील
मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )