Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2023 · 1 min read

#शेर-

#शेर-
■ सनातन सच…

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 177 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

- अनुभवी लोग -
- अनुभवी लोग -
bharat gehlot
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
जिसका हक है उसका हक़दार कहां मिलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
पतझड़ मे एक दर्द की
पतझड़ मे एक दर्द की
अमित कुमार
प्रेम हैं अनन्त उनमें
प्रेम हैं अनन्त उनमें
The_dk_poetry
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
Rachana
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
Ranjeet kumar patre
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
RAMESH SHARMA
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
पूर्वार्थ
ये दुनिया घूम कर देखी
ये दुनिया घूम कर देखी
Phool gufran
बादल
बादल
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
3365.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3365.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
Virendra kumar
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
Sonam Puneet Dubey
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्षणिका
क्षणिका
Vibha Jain
शून्य से शिखर तक
शून्य से शिखर तक
शशि कांत श्रीवास्तव
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
Rituraj shivem verma
आइए जलते हैं
आइए जलते हैं
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
*इंसान बन जाओ*
*इंसान बन जाओ*
Shashank Mishra
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर की ग़ज़लें
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर की ग़ज़लें
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
AMRESH KUMAR VERMA
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
Loading...