// प्रीत में //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विषय:- विजयी इतिहास हमारा। विधा:- गीत(छंद मुक्त)
ट्रस्टीशिप-विचार / 1982/प्रतिक्रियाएं
कोई चीज़ मैंने तेरे पास अमानत रखी है,
हम चिरागों को साथ रखते हैं ,
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
सच दिखाने से ना जाने क्यों कतराते हैं लोग,
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
लोककवि रामचरन गुप्त के लोकगीतों में आनुप्रासिक सौंदर्य +ज्ञानेन्द्र साज़
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।