#शेर
#शेर
■ नादान परिंदे…
कुछ लोग न समय के साथ बदल पाते हैं, न सुधर पाते हैं। लिहाज़ा उनकी परवाह अपनों को होती ही है। ख़ास कर आज के दौर में।।
●प्रणय प्रभात●
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■ नादान परिंदे…
कुछ लोग न समय के साथ बदल पाते हैं, न सुधर पाते हैं। लिहाज़ा उनकी परवाह अपनों को होती ही है। ख़ास कर आज के दौर में।।
●प्रणय प्रभात●