शेर
खुशी मयस्सर भी ना हुई गम का पहाड़ टूट गया।
मेहंदी लगी रह गयी और शौहर का संग छूट गया।।
इधर बिदाई हुई उधर दुश्मन ने धावा बोल दिया।
देश की खातिर शादी का बंधन बीच में ही खोल दिया।।
सरहद पर लड़ते लड़ते बांका नोजवान शहीद हो गया।
भारत माँ के आंचल में सदा सदा के लिए सो गया।।