शेर
वो गया तो गया कुछ इस तरह इस जहान से
मुझको अकेला कर गया क्यों इस जहान में
साथ निभाया उसने मेरा उम्र के इस पड़ाव तक
वादा हमदम का था तो क्यों नही निभाया उसने
वो वादा खिलाफी भी करेगा, मुझे ये यकीन ना था
चुपचाप निकल गया, पता भी ना बताया नए घर का
वीर कुमार जैन ‘अकेला’