शेर
कुछ तो एसा कर ऐ सीयासतदां,
की मज़हबी दंगों मे कोई भी ना मरे?
बेकसूर क़तलेआम हो रहे?
और क्या तुम हिन्दू मुसलमान करते रहते हो?
© किशन कारीगर
कुछ तो एसा कर ऐ सीयासतदां,
की मज़हबी दंगों मे कोई भी ना मरे?
बेकसूर क़तलेआम हो रहे?
और क्या तुम हिन्दू मुसलमान करते रहते हो?
© किशन कारीगर