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22 Apr 2021 · 1 min read

शे’र

चैन खुशियां सुसुप्त स्वप्न जगा दो फिर से
इक नज़र देख के मेरे ये सितारे कर दो।

सामने जो भी है सबकुछ हुआ बेजान यहां
जुल्फ पे हाथ रख के गर्म नजारे कर दो।

बोलकर तोड़ दो पल पल की खामोशी को
और मुस्का के मुस्कुराती बहारे कर दो।

©®
दीपक झा रुद्रा ❤️

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 293 Views
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