मुरझा जाता है
चंद लम्हों में ही चमन को महका जाता है
फूल कुछ देर खिलता है फिर मुरझा जाता है
झूठ चाहे कितना भी शातिर और ताकतवर हो
मगर जब सच से मिलता है तो घबरा जाता है
चंद लम्हों में ही चमन को महका जाता है
फूल कुछ देर खिलता है फिर मुरझा जाता है
झूठ चाहे कितना भी शातिर और ताकतवर हो
मगर जब सच से मिलता है तो घबरा जाता है